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नगर निकाय चुनाव: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, यूपी सरकार को बड़ी राहत

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में जल्द से जल्द निकाय चुनाव कराए जाएं. सर्वोच्च न्यायालय के आज के आदेश से साफ है कि अब चुनाव अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही होगा.

आपको बता दें 5 दिसंबर 2022 को यूपी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की थी. इस आरक्षण सूची के खिलाफ कई याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए थे. याचिकाकर्ताओं कहना था कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण सूची जारी करने में ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूले का पालन नहीं किया था और न ही कोई ओबीसी कमीशन बनाया गया था.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ओबीसी आरक्षण सूची को रद्द कर दिया था और सरकार से जनवरी में नगर निकाय चुनाव कराने का आदेश जारी किया था. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार को ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए एक डेडिकेटेड आयोग का गठन करना चाहिए था, जिससे ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन हो सके.

सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के पालन के लिए ओबीसी कमीशन का गठन कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में आज उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि ओबीसी आयोग को ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट देने में तीन महीने का वक्त लगेगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 3 महीने का समय ज्यादा है. 

तीन महीने में आयोग देगी अपनी रिपोर्ट

नगर निकाय चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि राज्य में डीलिमिटेशन की प्रकिया 3 महीने में पूरी कर लेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा तीन महीने का समय बहुत लंबा है, क्या इसको और पहले नहीं पूरा किया जा सकता है? यूपी सरकार ने कहा कि कमीशन के अध्यक्ष नियुक्त किए गए जज साहब से पूछकर बताना होगा कि कितना समय लगेगा.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी तक चुनाव कराने की हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. इस रोक से साफ हो गया कि अब ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के बाद ही यूपी में नगर निकाय चुनाव हो पाएंगे, जिसमें करीब तीन महीने का वक्त लगेगा. यानी यूपी में अब 31 मार्च से पहले नगर निकाय चुनाव होना संभव नहीं है.

फिलहाल यह रोक तीन हफ्ते तक की है, तब तक सरकार को बताना होगा कि ओबीसी आयोग की रिपोर्ट कितनी जल्दी आ सकती है. इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि यूपी में नगर निकाय चुनाव कब होगा, लेकिन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर घिरी यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. अब चुनाव ओबीसी आरक्षण के बाद ही होगा.

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