वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार की मांग को लेकर दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है.
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है.
आपको बता दें कि हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है. मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.
श्रृंगार गौरी केस: ये हिंदू समुदाय की जीत- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, ये हिंदू समुदाय की जीत है. श्रृंगार गौरी केस की अगली सुनवाई 22 सितंबर को है. आज का दिन ज्ञानवापी मंदिर के लिए शिलान्यास का दिन है.
हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं. याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने कहा कि आज पूरा भारत खुश है. मेरे हिंदू भाई-बहनों को जश्न मनाने के लिए दिए जलाने चाहिए.
विवादित और धार्मिक मुद्दे नहीं उठाने चाहिए: फिरंगी महली
कोर्ट के फैसले पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना ख़ालिद रशीद फ़िरंगी महली का भी बयान आया है. वह बोले कि अभी जो बातें सामने आयी हैं वो मीडिया के ज़रिए से सामने आयी हैं. लीगल टीम पूरे मामले की स्टडी करेगी.
उन्होंने कहा कि हम सब लोग मुल्क को तरक़्क़ी के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं और कोई विवादित और धार्मिक मुद्दे न उठाए जाएं पर उस केस (रामजन्मभूमि) के बाद भी places of worship act को नज़रंदाज़ कर इस तरह के मामले आ रहे हैं वो लीगल एक्स्पर्ट्स को देखना चाहिए.
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