पिता से फ़ोन पर बोला कि वह खुद को गोली मारने जा रहा है। पिता कुछ समझ पाते तब तक अजीत ने कॉल कट कर दी। और उसके बाद बेटे ने खुद की कनपटी में गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन कमरे में पहुंचे, तो देखा कि अजीत खून से लथपथ पड़ा है। और उसके एक हाथ में पिस्टल थी।
फ़ोन कट होने बाद जब पिता ने घरवालों को फोन कर अजीत के बारे में पूछा, तो वह घटना जान सन्न रह गए। नौबस्ता एसीपी अभिषेक कुमार पांडेय का कहना है कि जिस तरह से अजीत ने स्टेटस लगाया। पिता को फोन किया। उससे ऐसी आशंका है कि अजीत ने योजना बनाकर खुदकुशी की है। शायद अजीत बहुत समय से आत्महत्या की सोच रहा था।
अंबेडकरनगर निवासी 24 वर्षीय अजीत यादव प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसके पिता शिवप्रताप यादव पुलिस विभाग में ड्राइवर हैं, और वर्तमान में पनकी थाने की पीआरवी में तैनाती है।
नौबस्ता एसीपी अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि बुधवार सुबह करीब दस बजे अजीत ने चाचा की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। गोली कांपती पर लगने से अजीत की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को सील कराया। तभी अजीत के घरवालों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और विरोध करने लगे। घरवालों ने सड़क पर शव रखकर जाम कर दी।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पोस्टमार्टम के बिना अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। काफी समझाने पर घरवाले पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए।
पुलिस को परिजनों ने बताया कि अजीत पिछले चार साल से डिप्रेशन में था। लखनऊ से उसका इलाज भी चल रहा था। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि जिस तरह की घटना हुई, उससे यही लगता है कि डिप्रेशन की वजह से ही उसने खुदकुशी की। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। अगर कोई तहरीर मिलती है, तो जांच होगी।
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