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शातिर ठग और उसकी सहयोगी महिला सिपाही गिरफ्तार,फर्जी आईकार्ड और वर्दी में फोटो बरामद

मितौली/लखीमपुर: मितौली थाने में तैनात महिला कांस्टेबल गायत्री वर्मा से 12 लाख की ठगी मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड ठग राजन वर्मा और उसकी सहयोगी महिला सिपाही शालिनी कटियार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

आपको बता दें राजन वर्मा फर्जी आरक्षी बनकर ठगी करता था तो वहीं लखनऊ में तैनात महिला सिपाही शालिनी कटियार भी उसका सहयोग करती थी। गायत्री वर्मा से 12 लाख की ठगी मामले में शालिनी कटियार के खाते में ही सात लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

मितौली थाने में तैनात महिला सिपाही गायत्री वर्मा ने लखनऊ में प्लॉट खरीदने के नाम पर आठ लाख की ठगी करने वालों के खिलाफ शनिवार को थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस के रिपोर्ट नहीं लिखने से नाराज महिला सिपाही ने खुद को अपने सरकारी आवास में बंद कर लिया था।

सूचना मिलने पर मितौली पुलिस हरकत में आई और रविवार रात ही मुकदमा दर्ज किया गया। मामले में आईजी रेंज के संज्ञान लेने के बाद आरोपी दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था। वहीं थाना प्रभारी को दो दिन के अंदर घटना का खुलासा करने की चेतावनी दी गई थी।

पुलिस का फर्जी आईकार्ड और वर्दी में खिंचवाए गए फोटो बरामद

थाना प्रभारी सुनीत कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि दो टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगाई गई थीं। राजन वर्मा व उसकी साथी महिला सिपाही शालिनी कटियार को कस्ता सीतापुर रोड से गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से पुलिस वर्दी में दोनों की फोटो और राजन का पुलिस विभाग का फर्जी आईकार्ड समेत आधार कार्ड भी बरामद हुआ है। पुलिस ने फर्जी दस्तावेज मिलने पर भी एक मुकदमा दर्ज किया है।

ठगी के मुख्य आरोपी की साथी महिला सिपाही शालिनी कटियार साहबपुर थाना सिकंदरा जिला कानपुर देहात की रहने वाली है। वह 2020 बैच की सिपाही है। इस समय वह लखनऊ के गोमती नगर थाने में तैनात है। उसका अटैचमेंट इन दिनों डीसीपी पूर्वी जोन लखनऊ के कार्यालय में है।

दोनों लखनऊ में साथ रहकर देते थे ठगी की घटनाओं को अंजाम

मुख्य आरोपी राजन वर्मा पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से ठगी करता था तो शालिनी कटियार दरोगा की वर्दी पहनकर उसे बचाती थी। वहीं राजन पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को अपर पुलिस महानिदेशक कार्यालय लखनऊ में तैनात बताता था। दोनों की वर्दी वाली फोटो पुलिस ने सुरक्षित कर ली है। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है।

Pradeep Pal
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प्रदीप पाल, पिछले छह सालों से डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. इस दौरान इन्होंने अलग-अलग कई न्यूज़ पोर्टल्स पर काम किया. मूल रूप से हरदोई के रहने वाले हैं. बिजनेस के साथ ही राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, लाइफस्टाइल और सरकारी योजनाओं की खबरों में ख़ास रूचि है.
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