Sitapur News: सीतापुर के पसिगवां गांव में सोमवार सुबह बाघ ने एक किसान के बैल को अपना शिकार बना लिया। बैल का शव गन्ने के खेत में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। वहीं, चव्वाबेगमपुर में एक ग्रामीण ने खेतों की तरफ जाते समय बाघ और उसके शावक को देखा। इन घटनाओं से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। वन विभाग की टीम ने दोनों स्थानों पर बाघ के ताजे पगचिन्ह मिलने की पुष्टि की है और घटनास्थल के पास ट्रैप कैमरे भी लगाए हैं।
पसिगवां गांव के नरवीर यादव और उनके भाई मंगू सोमवार को बैलगाड़ी से मवेशियों के लिए चारा लेने गए थे। दोनों ने बैलगाड़ी को चकमार्ग के किनारे खड़ा कर बैलों को बांध दिया और खेत में घास काटने चले गए। थोड़ी देर बाद जब वे बैलगाड़ी के पास पहुंचे तो बैल गायब थे।
बैलों के घसीटे जाने के निशान का पीछा करते हुए वे गन्ने के खेत पहुंचे, जहां एक बैल का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी गई और वन विभाग को बुलाया गया, जिसने बाघ के हमले की पुष्टि की।
उसी दिन, चव्वाबेगमपुर के राजन कश्यप ने सुबह शौच के लिए जाते समय नहर के किनारे बाघ और उसके शावक को देखने का दावा किया। ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से लैस होकर मौके पर पहुंचकर बाघ के ताजे पगचिन्ह देखे।
वन विभाग की कई टीमें बाघ की तलाश में कांबिंग कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। ट्रैप कैमरों से भी सहायता नहीं मिल पाई है। बाघ की लगातार सक्रियता से ग्रामीणों में भय का माहौल है। वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
वन क्षेत्राधिकारी सिकंदर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कांबिंग की जा रही है और ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
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