भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की सबसे बड़ी करेंसी 2000 के नोट पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर तो रहेगा, लेकिन इसे चलन से बाहर कर दिया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि 2000 रुपये के मूल्य के नोट को तत्काल प्रभाव से जारी करना बंद कर दिया जाए. रिजर्व बैंक ने ये फैसला ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत लिया है.
2016 में आरबीआई ने किए थे जारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवंबर 2016 में आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत ये नोट निकाले थे। RBI ने नोटबंदी के बाद इन नोटों को जारी किया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय 500 और 1000 रुपये के जो नोट चलन से हटाए गए थे, उनका बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर कम किया जा सके। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब 2000 के नोट के चलन में लाने का उद्देश्य पूरा हो गया।
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2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई हो गयी थी बंद
आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को लाने के उद्देश्य के एक बार पूरा हो जाने के बाद 2018-19 में 2000 के नोट की छपाई बंद कर दी गई थी। उस समय तक अन्य मूल्य वर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए थे। आरबीआई ने यह भी बताया है कि मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे।
23 मई से शुरू होगी बैंकों में 2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया
लोग 2000 के नोट बैंक खातों में जमा करा सकेंगे या फिर उन्हें अन्य मूल्य के नोटों के साथ किसी भी बैंक शाखा में जाकर एक्सचेंज करा सकेंगे। लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि एक बार में अधिकतम 20 हजार रुपये मूल्य के नोट बदलवाए जाए सकेंगे। यह प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी और 30 सितंबर 2023 को खत्म होगी