अब 2080 तक 15 जनवरी को ही मकर संक्रान्ति मनाई जाएगी। ज्योतिष ज्ञानियो के अनुसार उसके बाद फिर एक दिन आगे बढ़ जाएगा। ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार,ऐसी स्थिति में अब 2080 तक मकर सक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार, मकर संक्रान्ति एक दिन आगे बढ़ जाएगी। सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा और इसी दिन मकर संक्रान्ति मनाई जाएगी। यानी फिर एक दिन आगे बढ़ जाएगी।
2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे
ज्योतिर्विद के मुताबिक हर साल सूर्य की राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है। इस तरह तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है। इस हिसाब से 72 वर्षों में 24 घंटे का फर्क आ जाता है। सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। यह पीछे नहीं चलते हैं। इसलिए एक दिन बढ़ जाता है। इस लिहाज से 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे।
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हालांकि छह सालों तक सूर्य का राशि परिवर्तन प्रात:काल में होने से पूर्व काल मानकर 15 जनवरी को मनाई जाती थी। लेकिन इसके पहले सूर्य का राशि परिवर्तन संध्याकाल में होता था। इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति मान्य थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इनका राशि परिवर्तन हमेशा प्रात: काल में ही होगा। 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी। हालांकि 1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जा रही थी।
अमृत नामक योग में 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रान्ति
15 जनवरी को मकर संक्रान्ति होगी। वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के मुताबिक इस दिन पौष शुक्ल पंचमी है। इस दिन शतभिषा नक्षत्र और चंद्रमा की स्थिति कुंभ राशि पर है। इसी दिन सूर्य धनु राशि का परित्याग कर सुबह नौ बजकर 13 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन अमृत नामक औदायिक योग बन रहा है