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बिजली चोरी की छापेमारी में विजिलेंस टीम को करानी होगी वीडियोग्राफी, एमडी ने दिए निर्देश

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लखनऊ। बिजली चोरी के मामलों में विजिलेंस की छापेमारी पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए छापेमारी की कार्रवाई के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। जांच के बाद टीम को मौके से ही जांच आख्या निर्धारित प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड कर देना होगी।

जांच टीम के बारे में जानने के लिए उपभोक्ताओं को भी कई अधिकार दिए गए हैं। पॉवर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने विजिलेंस द्वारा छापेमारी के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

जांच टीम के प्रभारी उत्तरदायी होंगे

जारी दिशा निर्देशों के क्रम में जा्ंच टीम ऐसे फोटो लेगी जिसमें मीटर की रीडिंग मय तिथि के दिखे। यदि उपभोक्ता चेकिंग टीम के साथ फोटो लेना चाहता है तो उसके साथ फोटो खिंचवाएं। चेकिंग के बाद मौके पर ही जांच आख्या तय प्रारूप में आरएमएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाए। इसके लिए जांच टीम के प्रभारी उत्तरदायी होंगे।

निर्देशित किया गया है कि छापेमारी और जांच के बाद किसी जानकारी के लिए उपभोक्ता को बुलाना हो तो उसे कारपोरेशन के कार्यालय में ही बुलाया जाए। उच्चाधिकारियों का नंबर भी उपभोक्ता को दिया जाए। छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी अवश्य कराई जाए। इस बात का जिक्र जांच रिपोर्ट में किया जाए। जहां तक संभव हो सके विजिलेंस की टीम में कोई स्थानीय विभागीय कार्मिक न भेजे जाएं।

विजिलेंस छापेमारी के लिए 15 बिंदु तय

एमडी ने विजिलेंस छापेमारी के लिए 15 बिंदु तय कर दिए हैं। इसमें लिखा है कि जांच के लिए परिसरों के चयन में पूरी पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाए। जिलों में अधिक लाइन लॉस वाले चयनित फीडरों पर कार्रवाई के बाद ही अन्य फीडरों से जुड़े क्षेत्रों में छापेमारी की जाए। बिजली चोरी के बड़े मामले की कोई सूचना मिलती है तो ऐसे मामलों में विजिलेंस तुरंत कार्रवाई करे। विभागीय अधिकारियों का सहयोग भी लिया जाए।

पुरुष की अनुपस्थिति में घर के अन्दर जांच को रोक सकता है उपभोक्ता

अभियान से इतर कोई कार्रवाई करने से पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी पूरी सूचना दी जाए।नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ता जांच टीम के सदस्यों के नाम व मोबाइल नंबर पूछ सकता है। उनके परिचय पत्र को देख सकता है। परिसर में पुरुष के नहीं होने पर परिसर के अंदर जांच कराने से रोक सकता है।

महिला कर्मी टीम में होने पर ही परिसर के अंदर जांच की जा सकेगी। जांच में पाई गई कमियों का विवरण उपभोक्ता पूछ सकता है। बिजली चोरी की स्थिति में मौके पर ही राजस्व निर्धारण करते हुए अनुमानित राशि उपभोक्ता को बतानी पड़ेगी।

बिजली चोरी के मामलों में छापेमारी को पारदर्शी बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। जांच के बाद शिकायतों की स्थिति न बने इस दिशा में कदम उठाए गए हैं। जांच की कार्रवाई पर उच्चाधिकारियों की नजर रहेगी। “डॉ आशीष कुमार गोयल,चेयरमैन यूपीपीसीएल”

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