Homeसांस्कृतिकवरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी-अजित शुक्ल

वरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी-अजित शुक्ल

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हरदोई: प्रदीप पाल: साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था माँ आशा फाउण्डेशन के तत्वावधान में हिन्दी परखवारे में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में हिन्दी दिवस पर जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार ब्रजराज सिंह तोमर को उनके आवास पर जाकर सम्मानित किया।
वर्ष 1939 में कटियारी के टिकार में जन्में 81 वर्षीय श्री तोमर जी सहायक आयुक्त (व्यापारकर) पद से वर्ष 1999 सेवानिवृत्त हुए।आपके प्रकाशित रचनाओं में अग्नि सम्भवा(खण्डकाव्य),बांग्ला विजय (युद्ध काव्य),आईना (इतिहास पर आधारित गद्य ग्रन्थ) व अमीरन (उपन्यास) प्रमुख हैं।प्रेम और सौंदर्य,मुरली मुरलीधर की,चिंतना व अलाव पर शीर्षक से तैयार कृतियाँ प्रकाशन की प्रतीक्षा में हैं।
माँ आशा फाउण्डेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र ने उनके आवास पर पहुंचकर संस्थाध्यक्ष अजीत शुक्ल के साथ श्री तोमर जी का माल्यार्पण कर व शाल ओढ़ाकर माँ आशा स्मृति साहित्यरत्न सम्मान से सम्मानित किया।
इस अवसर मुख्य अतिथि सुखसागर मिश्र ने कहा कि साहित्यकार हमारी धरोहर हैं।उनका सम्मान करना हमारा दायित्व व परम सौभाग्य है।संस्था द्वारा विरिष्ठ साहित्यकार का सम्मान करना सराहनीय है।अध्यक्ष अजीत शुक्ल ने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है।जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार जिन्होंने साहित्य क्षेत्र में जनपद को पहचान दिलाई व अपनी रचनाओं से हिन्दी की सेवा की हम उनका सम्मान करें।हम इतने सक्षम व योग्य तो नहीं कि इन विभूतियों को कुछ दे सकें।हम अपने श्रद्धा सुमन इनके चरणों में समर्पित कर स्वयं को सौभाग्यशाली समझते हैं।
अस्वस्थ चल रहे श्री तोमर जी संस्था द्वारा सम्मानित होने पर अभिभूत दिखे।उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा आवास पर पहुंचकर जो उन्हें सम्मान दिया उससे वे भावुक हो गए।उन्होंने कहा कि युवा रचनाकरों द्वारा वरिष्ठ साहित्यकारों के सम्मान की परम्परा सराहनीय है।
इस अवसर पर संयोजक आकाश सिंह,मोहन मिश्र, गीतेश दीक्षित , राजवर्धन यादव आदि रहे।

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