होमहरदोईओबीसी संघ ने मनाई सावित्री बाई फुले की जयंती

ओबीसी संघ ने मनाई सावित्री बाई फुले की जयंती

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ओबीसी संघ ने मनाई सावित्री बाई फुले की जयंती

कैनाल रॉड स्थित कुंती नर्सिंग होम सभागार में माता सावित्रीबाई फुले के जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें ओबीसी संघ माता सावित्री बाई फुले के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद माता सावित्रीबाई फुले के जीवन पर चर्चा की जिसमे डॉ अरुण कुमार मौर्य ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले ने भारत में प्रथम महिलाओं की शिक्षा का स्कूल खोला था उस समय भारत वर्ष में महिलाओं की शिक्षा वर्जित थी माता सावित्रीबाई फुले ने अपने पति महामना ज्योतिबा फुले से शिक्षा ग्रहण कर बालिका शिक्षित हो इसके लिए स्कूल खोला, उस समय समाज में शिक्षा पूर्ण रूप से वर्जित थी


समाज के ठेकेदार इसको गलत मानते थे, इस स्कूल का और माता सावित्री बाई का इस कार्य हेतु बहुत विरोध हुआ, जब वह स्कूल पढ़ाने हेतु जाती थी तो रास्ते में समाज के ठेकेदार उन पर कीचड़ गोबर फेककर उनको हतोत्साहित करने का काम करते थे ।


सावित्री बाई फूले अपनी जगह अडिग रही और आज उन्हीं के प्रयास के कारण भारतवर्ष में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश के विकास में अपनी भूमिका निभा रही है, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने लाल किले से कहा था कि आज मैं अगर इस देश के प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले में खड़ी हूं तो इसका सारा श्रेय माता सावित्रीबाई फुले फुले को जाता है, उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश की बहुत सारी महिलाओं को माता सावित्रीबाई फुले के इतिहास का नहीं पता,

केक काटा कर मनाया स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म दिवस

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री माननीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी का जन्मदिवस जो विगत 2 जनवरी को था और जिसको सेवा सप्ताह के रूप में उनके समर्थको के द्वारा मनाया जा रहा है
कुंती नरसिंग होम के सभागार में ओबीसी संघ द्वारा केक काटकर मनाया गया डॉ अरुण मौर्य ने कहा कि माननीय स्वामी प्रसाद मौर्या पिछड़ों दलितों और वंचितों के लिए विगत कई वर्षो से संघर्ष करते आ रहे हैं वह चाहे जिस पार्टी में रहे हो हमेशा उन्होंने इन वर्गों का की आवाज बनने का काम किया और इसीलिए वह इन वर्गों के एकमात्र नेता बनकर उभरे हैं ।
उपस्थित सभी लोगों ने उनकी दीर्घायु की कामना की,


11 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य के कर कमलों द्वारा कंबल वितरण किया जाएगा समाज हित में कई कार्य किये जायेंगे अंत में कई वक्ताओं ने ओबीसी संघ की भूमिका पर प्रकाश डाला और अवगत कराया ओबीसी संघ समस्त ओबीसी वर्ग की जातियों को एकत्रित कर उनके हक और हुकूक की लड़ाई लड़ रहा है और आगे भी लड़ेगा वक्ताओं ने कहा कि ओबीसी समाज जनसंख्या के हिसाब से लगभग 56% है परंतु सत्ता शासन में उसकी भागीदारी नगण्य है इसीकारण उसका शोषण हो रहा है

ओबीसी संघ ओबीसी समाज के हक और हुक़ूक़ की लड़ाई एवं भागीदारी की लड़ाई लड़ रहा है कई वक्ताओं ने अवगत कराया कि 27 परसेंट आरक्षण होने के बावजूद आज सरकारी नौकरियों में और विशेष तौर से उच्च नौकरियों में, विश्वविद्यालयों में एवं जुडिशरी में ओबीसी समाज की भागीदारी नगण्य है, यह सब सजिशन किया जा रहा है अतः इसके भी विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए इन स्थानों पर ओबीसी समाज के लोग नहीं होंगे इसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ेगा

आज आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है सरकारी नौकरियों में सीधे नियुक्त ना करके इसकी जगह ठेकेदारों द्वारा नियुक्तियां की जा रही हैं जिसमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं होता सरकारी संस्थानों का प्राइवेटाइजेशन हो रहा है जहां आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है अतः ओबीसी संघ प्राइवेट संस्थानों में भी ओबीसी वर्ग के आरक्षण हेतु लड़ाई लड़ेगा कार्यकर्ताओं ने दिनांक 24 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री बिहार, पिछड़ों के मसीहा माननीय कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने का भी निर्णय लिया कार्यक्रम में निम्न पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे

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