Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में दैवी आपदा राहत के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। मृतक युवक उपेश को अविवाहित घोषित कर उसकी आर्थिक मदद की राशि गलत तरीके से उसके परिजनों के खाते में डलवाई गई। इस मामले में संडीला की एसडीएम समेत आठ लोगों को दोषी पाया गया है, जिनमें से सात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
मां और भाई ने ही किया छल
मामले की शुरुआत सवायजपुर की रहने वाली माधुरी के शिकायती पत्र से हुई, जिन्होंने खुद को मृतक उपेश की पत्नी और दो बच्चों की मां बताया। माधुरी ने आरोप लगाया कि उसके पति की मौत के बाद उसे और बच्चों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। जांच में सामने आया कि उपेश की मां पुतानी उर्फ पुतन्नी और भाई मुल्ला ने गांव के एक बिचौलिए की मदद से उसे अविवाहित घोषित कर दिया और दैवी आपदा राहत की चार लाख रुपये की राशि हड़प ली।
जांच में सामने आया संगठित षड्यंत्र
जांच रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि इस साजिश में गांव के प्रधान जगपाल सिंह, मृतक की मां पुतानी, भाई मुल्ला, चकबंदी लेखपाल रामजी गुप्ता, चकबंदीकर्ता चंद्रवीर सिंह, राजस्व विभाग के लेखपाल विपिन कुमार, कानूनगो राजेश कुमार शुक्ला, नायब तहसीलदार अनेक सिंह, और तत्कालीन एसडीएम डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव भी शामिल थे।
जिलाधिकारी ने दिए कड़े आदेश
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने एडीएम न्यायिक प्रफुल्ल त्रिपाठी और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट द्वितीय राकेश सिंह की जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कदम उठाए हैं। लेखपाल और चकबंदीकर्ता को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, अन्य दोषियों के खिलाफ वसूली और निलंबन की कार्रवाई की जिम्मेदारी एडीएम को सौंपी गई है।
माधुरी और उसके दो बच्चों का अधिकार छीनने की इस साजिश ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी और पीड़ित परिवार को उनका वाजिब हक वापस दिलाया जाएगा।
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