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टीईटी पेपर लीक प्रकरण : सचिवालय के संविदाकर्मियों से जुड़े के तार, व्हाट्सएप खोलेगा राज

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लखनऊ : टीईटी पेपर लीक के तार सचिवालय से जुड़े हैं। सचिवालय में संविदा पर तैनात कर्मचारी इस गिरोह में सक्रिय सदस्य है। इसके अलावा गिरफ्तार एक सदस्य के पास से सचिवालय के खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र, पास व अन्य कागजात मिले हैं। इस बात की पुष्टि एसटीएफ के अधिकारियों ने की है।

एसटीएफ ने रविवार को टीईटी परीक्षा में पेपर लीक कराने वाले गिरोह के कई सदस्यों को दबोचा है। इसमें एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही की टीम ने चार लोगों को दबोचा है। इसमें झांसी का अनुराग देश, अंबेडकरनगर का फौजदार वर्मा उर्फ विकास, अयोध्या कपासी का कौशलेंद्र प्रताप राय और झांसी का चंदू वर्मा शामिल है।

अयोध्या के कौशलेंद्र राय के पास से टीम ने कई अहम दस्तावेज बरामद किये है। इसमें सचिवालय का पास, खाद्य एवं रसद विभाग का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं।

एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक कौशलेंद्र के पास से बरामद कागजात में ज्यादातर फर्जी हैं। उनको जांच के लिए भेज दिया गया है। कौशलेंद्र ने भी पूछताछ के दौरान यह बात कुबूल की है कि उसने खुद ही फर्जी तरीके से सचिवालय का पास व पहचान पत्र बनवाया था। उसने यह भी बताया कि सचिवायल में उसके कई परिचित हैं। जिनके जरिए वहां आना-जाना रहता है।

झांसी के ऋषि शर्मा ने किया था टीईटी पेपर लीक
एसटीएफ के अधिकारी के मुुताबिक टीईटी पेपर लीक करने में सबसे अहम भूमिका झांसी के रहने वाले ऋषि शर्मा ने निभाई। उसी ने सबसे पहले पेपर को लीक किया है। एसटीएफ ने उसकी तलाश में कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी है लेकिन हाथ नहीं लगा।

टीईटी पेपर लीक में हरदोई का एक आरोपी फरार

इसके बाद पूरी जानकारी जुटाने के बाद उसे वांक्षित किया गया है। उसकी तलाश में एटीएफ के अलावा स्थानीय पुलिस की टीमें भी दबिश दे रही हैं। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक ऋषि शर्मा के हाथ लगने के बाद कई जरूरी जानकारी मिलेगी। इस परीक्षा से जुड़े कई राज ऋषि के पास है। उससे यह पता चलेगा कि गिरोह का नेटवर्क कहां तक है। कितने रसूखदारों के इशारे पर यह गिरोह काम करता है। इसके अलावा हरदोई का एक आरोपी फरार है। जिसकी तलाश की जा रही है।

बना रखा है सचिवालय का व्हाट्सएप ग्रुप
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक टीईटी पेपर लीक में पकड़े गये आरोपियों में कौशलेंद्र राय काफी शातिर है। उसने सचिवालय के नाम पर कई फर्जीवाड़े किये है। उसके पास से सचिवालय से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसने सचिवालय के नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है। जिसे दिखाकर फर्जीवाड़ा करता रहा है। इस ग्रुप में कई विभागों के अधिकारी व कर्मचारी के नाम व नंबर जुड़े हैं।

एसटीएफ के अधिकारी कौशलेंद्र के मोबाइल से मिले नंबरों की पड़ताल कर रहे हैं कि कितने सचिवालय से जुड़े है। जिनके नंबर है वह किस पद पर तैनात हैं। इस व्हाट्सएप ग्रुप में कौशलेंद्र ने खुद का नंबर सहायक अधिकारी के नाम से सेव कर रखा है।

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