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नर्सिंग होमों ने की ओपीडी ठप

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हरदोई। सरकार पर असहयोग का आरोप लगा चिकित्सा पद्धतियों को मिलाने (मिक्सोपैथी) के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई के बैनर तले शुक्रवार को निजी नर्सिंग होमों में ओपीडी बंद रही। इसके कारण रोगी व तीमारदार भटकते दिखे। वहीं जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ रही।

आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. अजय अस्थाना ने बताया कि सरकार की नीतियों के विरुद्ध सभी एलोपैथिक डॉक्टर आंदोलन को विवश हो गए हैं। बताया कि माडर्न मेडिसिन इस समय कठिन दौर से गुजर रही है। केंद्र सरकार एलोपैथी को जड़ से खत्म करके इंटीग्रेटेड डिग्री बनाने जा रही है। जिसमें सभी विधाओं की पढ़ाई कराई जाएगी।

जिले में करीब 98 छोटे-बड़े नर्सिंग होम है


ये मिक्सोपैथी या खिचड़ी शिक्षा व्यवस्था पूरे समाज के लिए अभिशाप बन जाएगी। इसके विरोध में जिले के निजी नर्सिंग होमों ने सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक ओपीडी नहीं संचालित नहीं की। यहां सिर्फ एमरजेंसी मरीज देखे गए। जिले में करीब 98 छोटे-बड़े नर्सिंग होम है। अ इलाज न मिलने पर लोग जिला अस्पताल तक दौड़े।
खिचड़ी तंत्र को बर्दाश्त नहीं करेंगे : आईएमए


सर्द मौसम में जिला चिकित्सालय में औसतन आठ सौ से नौ ओपीडी होती हैं लेकिन नर्सिंग होमों में डॉक्टर न मिलने के बाद रोगी व तीमारदारों का चिकित्सालय में आना दोपहर तक जारी रहा। चिकित्सकों की माने तो करीब हजार तक मरीज देखे गए।
डॉक्टर नहीं मिले

ग्रामीण क्षेत्र से मीना अपने बेटे को लेकर आईं थीं। उनके बेटे का एक नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है लेकिन वहां ओपीडी बंद रही। दवा भी नहीं मिली, जिसके बाद वह जिला अस्पताल पहुंचीं। बोलीं, शायद यहीं उनके बेटे को राहत मिल

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