हरदोई: जिले में जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने लापरवाही बरतने के आरोप लगाकर हंगामा किया, जो काफी देर तक चलता रहा। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने कहा कि मरीज को रेफर कर दीजिए। वाबजूद इसके रेफर न करने पर जच्चा बच्चा की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया है।हालांकि, कुछ देर बाद बिना शिकायती पत्र दिए महिला का शव अपने घर ले गए।
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रामनगरिया के रहने वाले शोभित की शादी चार साल पहले पाली थाना क्षेत्र के कछलिया गांव निवासी आसाराम की 23 वर्षीय पुत्री अर्चना के साथ हुई थी। अर्चना गर्भवती थी और उसे मंगलवार की रात प्रसव पीड़ा के दौरान जिला महिला अस्पताल लाया गया था।
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सुबह 4 बजे पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसका उपचार शुरू कर दिया। फिर कुछ देर बाद जच्चा और बच्चा की मौत हो गई। आरोप है कि जब अर्चना की हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने कहा कि उसको रेफर कर दीजिए वाबजूद इसके डॉक्टरों ने मरीज को रेफर नहीं किया।
जब 5 घंटे बाद जच्चा बच्चा की मौत हो गई तब ऑक्सीजन लगाने का नाटक किया। इस पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर महिला अस्पताल में हंगामा काट दिया। काफी देर तक हुए विवाद के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। फिर पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। जिसके बाद शहर कोतवाली पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
कार्यवाहक सीएमएस डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि महिला को परिजन पहले किसी निजी अस्पताल में ले गए थे। वहां से नाजुक हालत में महिला अस्पताल लाया गया था। किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं की गई है और नहीं परिजनों की ओर से कोई शिकायत पत्र मिला है। अगर शिकायती पत्र मिलता है, तो मामले की जांच कराई जाएगी।