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बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया VRS,जाने जब सुशांत राजपूत केस में संजय राउत को शायरी में दिया था जबाब

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बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अक्सर चर्चाओं में बने रहे हैं। खासकर बिहार विधान सभा चुनाव से पहले उनका दूसरी बार जॉब से वीआरएस लेना चर्चाओं का बाजार गर्म कर गया। एक बार फिर अटकलें उनके बक्सर से विधानसभा चुनाव लड़ने की लगाई जा रही है। 
इन्हीं चर्चाओं के बीच देश के हाईप्रोफाइल केस और बहुचर्चित बॉलीवुड अभिनेता और पटना निवासी सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मर्डर मिस्ट्री में भी डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय चर्चा में रहे थे। वर्तमान में सुशांत केस की जांच केंद्र सरकार की तीन संस्थान कर रही हैं। इसमें सीबीआई, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और ईडी तीनों संस्थाएं अलग-अलग काम कर रही हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स से जुड़े मामले में सुशांत केस में मुख्य आरोपी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को जेल भी भेजा है।आपको बता दें कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपना शायराना अंदाज तब दिखाया था जब पटना में सुशांत केस मामले में पिता की ओर से केस दर्ज होने के बाद बिहार पुलिस की तीन सदस्यीय एसआईटी जांच करने मुंबई पहुंची थी और केस में रोजाना कुछ न कुछ खुलासे हो रहे थे। इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सुशांत को लेकर लिखा कि सुशांत के अपने पिता से मधुर संबंध नहीं थे। उन्होंने लिखा, ‘सुशांत को पिता की दूसरी शादी स्वीकार्य नहीं थी। उन्होंने यह भी लिखा, कितनी बार सुशांत अपने पिता से मिलने पटना गए थे? मुझे सुशांत के पिता से हमदर्दी है, लेकिन ऐसी कई चीजें हैं जो सामने आनी चाहिए। 
मुंबई में शिवसेना नेता संजय राउत की इसी टिप्पणी पर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने शायराना अंदाज दिखाते हुए शायरी से जवाब दिया था। उन्होंने ट्ववीट करते हुए लिखा है कि..सफ़र में मुश्किलें आएँ, तो जुर्रत और बढ़ती है!
अगर रास्ता कोई रोके, तो हिम्मत और बढ़ती है!!
अगर दुश्मन समझ कर, मुझको कोई गाली देता है!
सच कहूँ उससे मुहब्बत और बढ़ती है!!


बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है। फरवरी, 2021 में वे रिटायर होने वाले थे। सेवानिवृत्ति से पांच महीने पूर्व ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी। डीजी होमगार्ड एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी है। माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडेय आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

गुप्तेश्वर पांडेय के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें काफी दिनों से चल रही थी। हाल में ही जदयू के बक्सर जिलाध्यक्ष के साथ उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी। इसके बाद उनके बक्सर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है। वीआरएस लेने के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाएंगे।

आपको बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं। संयुक्त बिहार में कई जिलों के एसपी और रेंज डीआईजी के अलावा वे मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रहे हैं। एडीजी मुख्यालय और डीजी बीएमपी का भी उन्होंने पद संभाला था। केएस द्विवेदी के सेवानिवृत होने के बाद फरवरी, 2019 में बिहार के डीजीपी नियुक्त किए गए थे।

गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 22 सितंबर, 2020 के अपराह्न से उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। उन्होंने मंगलवार को ही इसके लिए आवेदन दिया था। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए कम से कम तीन महीने पूर्व आवेदन किए जाने के नियम को शिथिल करते हुए राज्य सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया।
आईजी रहते गुप्तेश्वर पांडेय ने साल 2009 में वीआरएस ले लिया था। तब उनके बक्सर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि बाद में वे किसी भी दल से चुनावी मैदान में नहीं उतरे और वीआरएस को भी वापस ले लिया था।
गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और डीजी होमगार्ड एसके सिंघल को डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है। डीजी में प्रोन्नत होने से पहले एसके सिंघल एडीजी मुख्यालय के पद पर लम्बे समय तक तैनात थे।

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