Homeहरदोई60 हजार मजदूरों की रोजी रोटी पर आ जाएगा संकट

60 हजार मजदूरों की रोजी रोटी पर आ जाएगा संकट

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हरदोई। खनन विभाग के अफसरों की मनमानी जारी रही तो जल्द ही लगभग 60 हजार मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा। जनपद के लगभग तीन सौ ईंट भट्ठों पर इस बार अबतक ईंट की पथाई मिट्टी न मिलने के कारण शुरू ही नहीं हो पाई है। खनन विभाग के अफसर आवश्यकता न होने पर भी ईंट भट्ठा मालिकों से भट्ठा संचालन के लिए पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र (ईसी) मांग रहे हैं। खास बात यह है कि ईंट भट्ठों से विनियमन शुल्क जमा कराते समय खनन विभाग के जिम्मेदारों ने इस पर कोई चर्चा भी नहीं की थी।

जनपद में लगभग तीन सौ ईंट भट्ठे हैं। एक भट्ठे पर औसतन दो सौ मजदूर काम करते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो जिले के तीन सौ ईंट भट्ठों पर लगभग साठ हजार मजदूर काम करते हैं। आम तौर पर ईंट भट्ठों पर पथाई का कार्य नवरात्र (अक्तूबर) के आस पास शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार जनपद के अधिकांश भट्ठों पर ईंट की पथाई का कार्य ही नहीं हो पा रहा है। मिट्टी ही भट्ठा मालिकों को नहीं मिल पा रही है। कारण यह है कि विनियमन शुल्क जमा कराने के बाद भी मिट्टी खुदाई की अनुमति खनन विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे हैं। खनन विभाग के अधिकारी भट्ठा संचालकों से पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि 1 मई 2020 को जारी शासनादेश में पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र (ईसी) की अनिवार्यता को खत्म किया जा चुका है।

जिला ईंट निर्माता कल्याण समिति के महासचिव योगेंद्र दत्त मिश्रा का कहना है कि खनन अधिकारी ऐसा प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, जिसकी अनिवार्यता शासन स्तर से ही खत्म की जा चुकी है। विनियमन शुल्क भी विभाग जमा करा चुका है और अब मिट्टी खुदाई की अनुमति नहीं दे रहा है। ऐसे में ईंट भट्ठा उद्योग तो संकट में आ ही रहा है, इन भट़्ठों पर जनपद में काम करने वाले लगभग साठ हजार मजदूर भी प्रभावित हो रहे हैं।

सीतापुर में तैनात और हरदोई जनपद का भी प्रभार संभाल रहे खनन अधिकारी संजय प्रताप ने बताया कि ईंट निर्माता कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल से इस बारे में बात हुई है। ईंट निर्माताओं ने सभी आवश्यक शासनादेश व अभिलेख उपलब्ध करा दिए हैं। हरदोई आने पर जिलाधिकारी से मार्ग दर्शन लेकर आगे कार्यवाही की जाएगी।

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