हरदोई। जिलाधिकारी ने संडीला विकास खंड की ग्राम पंचायत किन्हौटी में विकास कार्याें में वित्तीय अनियमितता में सख्त कार्रवाई की है। फर्जी तरीके से एमबी करने वाले तकनीकी सहायक की सेवा समाप्त करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा बिना काम कराए ही अभिलेख और बिल तैयार करने के आरोप में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता और सहायक विकास अधिकारी सहकारिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।
आपको बता दें ग्राम पंचायत किन्हौटी में फर्जीवाड़ा कर भुगतान लिए जाने समेत कई गंभीर शिकायतें जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को मिली थीं। जिलाधिकारी ने इस मामले में टीम का गठन कर जांच कराई थी। जांच टीम ने जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट में सात लाख रुपये से अधिक के फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई थी।
दो विकास कार्याें पर सीआईबी का भुगतान करने के लिए फर्जी एमबी तकनीकी सहायक फिरोज शमी ने कर दी थी। इसके चलते डीएम एमपी सिंह ने उनकी की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए हैं।
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इसके अलावा दो अन्य कार्याें के फर्जी अभिलेख तैयार कर 7 लाख 3 हजार 94 रुपये का भुगतान करने का भी मामला सामने आया है। इसमें ग्राम प्रधान अरविंद कुमार, ग्राम सचिव अनुराग यादव, फर्जी एमबी करने के आरोप में अवर अभियंता लघु सिंचाई मंसूर असलम और सत्यापन अधिकारी के रूप में फर्जी फोटो और काम प्रमाणित करने पर सहायक विकास अधिकारी सहकारिता अनुराग गौतम के खिलाफ संडीला कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी डीएम ने दिए हैं।
ग्राम प्रधान के खिलाफ पंचायत राज एक्ट के तहत कार्रवाई करने की संस्तुति भी जिलाधिकारी ने की है। पत्रावली का परीक्षण किए बिना ही भुगतान की कार्रवाई करने वाले तत्कालीन लेखाकार मयंक सविता और खंड विकास अधिकारी राजीव गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी डीएम ने की है।
वित्तीय अनियमितता की तो छोड़ा नहीं जाएगा: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी एमपी सिंह ने कहा है कि पारदर्शिता से काम करने वालों का पूरा सहयोग किया जाता है। विकास कार्य कराना और शासन की मंशा के अनुसार कराना प्राथमिकता है। अगर धोखे से किसी से कोई चूक हो जा रही है तो उसे समझाकर हलका दंड दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा यदि सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता की गई है वहां किसी को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा। सभी कर्मचारी और प्रधान भी इस बात को अच्छी तरह से समझ लें कि नियमों के विपरीत कोई भी कार्य स्वीकार नहीं है।
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