लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की. इस दौरान गृहमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों के अनुसार मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मृत्यु दंड का प्रावधान होगा. केंद्र सरकार के अनुसार नए विधेयकों का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनः जीवित करना है, जिसमें “दंड” के बजाय “न्याय” पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. आपको बता दें कि लोकसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ संशोधन विधेयक पारित हो गए हैं.
कब पेश किए गए थे तीनों बिल
पहली बार मानसून सत्र के दौरान क्रिमिनल लॉ बिल (भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023) संसद में पेश किए गए थे. गृहमंत्री अमित शाह ने शीतकालीन सत्र के दौरान विधेयकों का संशोधित संस्करण पेश किया. अमित शाह ने ये भी कहा कि प्रस्तावित कानून पुलिस की जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक प्रणाली लाएंगे.
‘राजद्रोह की जगह देशद्रोह’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में अब सभी पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज किये जायेगे और एक नामित पुलिस अफसर इन रिकॉर्डों को मेंटेन रखने के लिए जिम्मेदार होगा. गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है.
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गृहमंत्री ने आगे कहा कि हम राजद्रोह के स्थान देशद्रोह लेकर आए हैं. आईपीसी ने राजद्रोह को “सरकार के खिलाफ कार्य” के रूप में परिभाषित किया था. लेकिन BNS प्रावधान उन लोगों के लिए है, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है. सरकार की आलोचना करने पर कोई जेल नहीं जाएगा. लेकिन कोई भी देश के ख़िलाफ़ नहीं बोल सकता.
तीनों क्रिमिनल लॉ बिल को बदलने पर गर्व
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब अंग्रेजों का शासन नहीं है, और नहीं ही कांग्रेस का शासन, ये भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी का शासन है…. यहां आतंकवाद को बचाने की कोई भी दलील काम नहीं आएगी. अंग्रेजों द्वारा बनाया गया राजद्रोह का कानून, जिसके तहत तिलक महाराज, महात्मा गांधी, सरदार पटेल… हमारे बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी सालों साल जेल में रहे और वह कानून आज तक चलता रहा.
अमित शाह ने कहा पहली बार मोदी सरकार ने राजद्रोह कानून को पूर्ण रूप से ख़त्म कर दिया. पहली बार हमारे संविधान की भावना के हिसाब से कानून प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 150 वर्ष बाद इन तीनों क्रिमिनल लॉ बिल को बदलने का मुझे गर्व है.
हम जो कहते हैं, वो करते हैं
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग कहते थे कि हम इन विधेयकों को नहीं समझते, मैं उन सभी को कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा. लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा.
गृहमंत्री ने कहा कि हमने कहा था कि हम धारा 370 और 35-A हटा देंगे, हमने हटा दिया. हमने वादा किया था आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, जीरो टॉलरेंस की नीति बनाएंगे और सुरक्षा कर्मियों को फ्री हैंड देंगे, हमने कर दिया. हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और अब 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. ये मोदी की सरकार है, जो कहती है, वो करती है.
क्रिमिनल लॉ बिल में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा
गृहमंत्री ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से नए भारत की कानून व्यवस्था अत्याधुनिक होगी. साथ ही कहा कि मॉब लिंचिंग एक बहुत ही घृणित अपराध है और हम नए कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं. लेकिन मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि आपने भी सालों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया?
उन्होंने कहा कि आपने मॉब लिंचिंग शब्द का प्रयोग सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए. आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी, लेकिन अब है.