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Hardoi : श्रीगुरुजी काव्यांजलि को तुलसी पुरस्कार

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हरदोई। जिले के गौसगंज से ताल्लुक रखने वाले योगेश चंद्र वर्मा योगी को उनकी कृति श्री गुरुजी काव्यांजलि के लिए हिंदी भाषा संस्थान का तुलसी पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। तुलसी पुरस्कार में प्रशस्तिपत्र के साथ 75 हजार रुपये की धनराशि भी दी जाती है। योगेश की कृति श्रीगुरुजी काव्यांजलि को पुरस्कार मिलने की जानकारी पर साहित्यकारों ने भी खुशी जताई है।

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मूलरूप से लखनऊ के निवासी योगेश चंद्र वर्मा योगी का ननिहाल जिले के ग्राम गौसगंज में है। उनका जन्म ननिहाल में ही 20 जनवरी 1942 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गौसगंज में हुई।

इसके बाद उन्होंने लखनऊ में अपनी शिक्षा पूरी की। वर्ष 1955 में वे राष्ट्रीय स्वयं संघ के संपर्क में आए और गणनायक से लेकर जिला कार्यवाह तक विभिन्न पदों पर रहे। योगेशचंद्र वर्मा की जिस कृति श्रीगुरु जी काव्यांजलि को तुलसी पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय किया गया है, उसका विमोचन 2 जनवरी 2020 को मल्लावां में विधायक आशीष सिंह आशू के पिता प्रख्यात शिक्षाविद् शिवराज सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर किया गया था।

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विमोचन आरएसएस के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांत रंजन ने किया था। इस दौरान महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा यतींद्रानंद गिरि, मिश्रिख सांसद अशोक रावत, दिव्य आलोक सेवा फाउंडेशन की संरक्षक विमला देवी और शाहाबाद विधायक रजनी तिवारी की भी मौजूदगी रही थी।

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पुस्तक में आरएसएस के द्वितीय सरसंघ चालक श्री माधौ सदा शिवराव गोलवलकर उर्फ श्री गुरुजी के जीवन वृत्त को प्रस्तुत किया गया है। 1940 में संघ के प्रथम सरसंघ चालक डॉ. हेडगेवार के बाद श्रीगुरुजी सरसंघ चालक बने थे। पुस्तक में संघ को लेकर विपरीत विचारधारा वाले लोगों की ओर से किए गए दुष्प्रचार को किनारे कर वास्तविकता से परिचित कराने का प्रयास किया गया है।

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