ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 8 सितंबर 2022 को 96 साल की उम्र में निधन हो गया है. महारानी एलिजाबेथ 1952 में सिंहासन पर बैठी थीं और उन्होंने करीब 7 दशक तक शाही गद्दी को संभाला.
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लंदन के शाही महल बकिंघम पैलेस में रहती थीं. उनके शाही महल को बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) के नाम से जाना जाता है. महारानी के पास विंडसर कैसल (Windsor Castle), सैंड्रिंघम हाउस और बालमोरल (Sandringham House and Balmoral) समेत कई अन्य रेसिडेंस हाउस भी थे लेकिन उन सभी में अपनी विशेषताओं के कारण सबसे फेमस है ‘बकिंघम पैलेस’.
बकिंघम पैलेस लंदन में बीच में स्थित है और इसकी भव्यता के चर्चे दुनिया भर में हैं. यह पैलेस अंदर से काफी आलीशान है. बकिंघम पैलेस के पास विक्टोरिया ट्यूब स्टेशन, ग्रीन पार्क और हाइड पार्क कॉर्नर हैं.
बकिंघम पैलेस की कीमत लगभग 341 अरब रुपये
ब्रिटेन की वेबसाइट रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट (Rct.uk) के मुताबिक, बकिंघम पैलेस ने 1837 से ब्रिटेन के शासकों का ऑफिशिअल रेसिडेंस हैं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के इस शाही महल को हर साल गर्मियों में टूरिस्टों के लिए खोला जाता है. Bloomberg के मुताबिक, इस रॉयल घर की कीमत लगभग 341 अरब रुपये बताई जाती है.
Rct.uk के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शाही महल बकिंघम पैलेस में 775 कमरे हैं. इनमें 19 स्टेट रूम, 52 रॉयल और गेस्ट बेडरूम, 188 स्टाफ बेडरूम, 92 ऑफिस और 78 बाथरूम शामिल हैं. शाही महल बकिंघम पैलेस की लंबाई 108 मीटर और गहराई 120 मीटर है. देखने में यह पैलेस काफी भव्य लगता है. बकिंघम पैलेस में कई शाही कार्यक्रम होते हैं जिसमें विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से लेकर अन्य देशों के वीआईपी भी आते हैं.
शाही भोज, लंच, डिनर, रिसेप्शन और गार्डन पार्टियों में अतिथि के रूप में हर साल बकिंघम पैलेस में करीब 50,000 से अधिक लोग शामिल होते हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ वीकली मीटिंग्स और विदेशी राजदूतों का स्वागत भी इसी पैलेस में होता है. इंडस्ट्री, गवर्मेंट, डोनेशन, स्पोर्ट, राष्ट्रमंडल और लाइफ के अन्य एरिया में काम करने वाले लोगों को सम्मान देने के लिए पूरे साल इस पैलेस में स्वागत समारोह आयोजित किए जाते हैं. बकिंघम पैलेस अक्सर महत्वपूर्ण नेशनल इवेंट्स का सेंटर होता है.
बकिंघम हाउस 1762 तक ड्यूक ऑफ बकिंघम की संपत्ति था. जब जॉर्ज III ने अपनी पत्नी, क्वीन चार्लोट और उनके बच्चों के लिए एक प्राइवेट घर के रूप में उसका अधिग्रहण किया था, उसके बाद से बकिंघम पैलेस को ‘द क्वीन्स हाउस’ के नाम से जाना जाता था.
हर्स्टपियरपॉइंट के लॉर्ड गोरिंग ने लगभग 1640 में एक घर बनाया था. धीरे-धीरे निर्माण के बाद उसने बकिंघम हाउस का रूप लिया.हर्स्टपियरपॉइंट की मृत्यु के बाद जॉर्ज द्वितीय ने उसे खरीदा और फिर पीढ़ियां आगे बढ़ती गईं. जॉर्ज पंचम ने आर्किटेक्ट जॉन नैश को अपने रिहायशी घर की मरम्मत के लिए बुलाया और रिनोवेशन के बाद 1825 में उसे ‘बकिंघम पैलेस’ नाम मिला.
सर जॉन सोने ने बकिंघम हाउस को फिर से तैयार करने की योजना भी प्रस्तुत की और उसमें और काम कराया गया. फिर बाद में रानी विक्टोरिया के शासनकाल में पश्चिमी हिस्सा बनाया गया था. महारानी विक्टोरिया वास्तव में रानी के रूप में वहां रहने वाली पहली सम्राट थीं.
महारानी विक्टोरिया जुलाई 1837 में पहली बार बकिंघम पैलेस में रहने आई थीं. 1840 में प्रिंस अल्बर्ट से जब रानी विक्टोरिया की शादी हुई तो उस पैलेस में कुछ कमियां नजर आईं. इसके बाद कमियों को पूरा करने के बाद 1847 में यह महल बनकर तैयार हुआ. पैलेस में नैश गैलरी भी है, जिसे क्वीन गैलरी के रूप में भी जाना जाता है. इसमें पुराने मास्टर पेंटिंग, यूनीक फर्नीचर, सजावटी सामान रखे हुए हैं.
गर्मियों में टूरिस्ट्स के लिए खुला रहता है बकिंघम पैलेस
बकिंघम पैलेस गर्मियों में टूरिस्ट्स के लिए खुला रहता है और हर साल दिसंबर, जनवरी और ईस्टर पर सीमित संख्या में पर्यटकों के लिए खुला रहता है. शाही पैलेस को घूमने में 2 घंटे 30 मिनट का समय लगता है.
19 डेकोरेटेड स्टेट रूम, थ्रोन रूम, ग्रेंड स्टेयरकेस, फाइनआर्ट पेंटिग्स रूम आदि जगहों पर पर्यटक घूम सकते हैं. जुलाई से अक्टूबर के बीच यह पैलेस आम लोगों के लिए खुला रहता है.
रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट की ऑफिशिअल वेबसाइट के मुताबिक, बकिंघम पैलेस स्टेट रूम विजिट के लिए 18 से 24 साल वालों के लिए 1803 रुपये (19.50 पाउंड) और 24 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 2774 रुपये (30 पाउंड) का टिकट होता है. वहीं 5 साल से छोटे बच्चों का टिकट फ्री है.
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