इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईवे थाना मथुरा में 35 पुलिसकर्मियों को याची सहित मां व भाई के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर फंसाने के मामले में फिरोजाबाद के रसूलपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
आपको बताते चलें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के निर्देश पर विशेष जांच टीम ने 35 पुलिस कर्मचारियों को याची सहित मां व भाई के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर फंसाने का दोषी ठहराया है। इसके बावजूद पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टे पुलिस ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के हर हथकंडे अपनाए। अपहरण के फर्जी केस में कुर्की कार्रवाई की।
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कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह लखनऊ को फिरोजाबाद के रसूलपुर थाने में दर्ज अपहरण केस सहित अन्य मामले सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। फिरोजाबाद रसूलपुर केस की विवेचना कर रहे आगरा के विवेचना अधिकारी व एसएसपी आगरा को विवेचना रोक कर रिकॉर्ड तत्काल सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई नौ नवंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने सुमित कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में याची, उसकी मां व भाई के खिलाफ दर्ज अपहरण केस रद्द करने तथा इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है।