Hardoi News। विद्याराम वर्मा ने पूरे जीवन तन मन धन से भारतीय जनता पार्टी की सेवा की और जिलाध्यक्ष भी रहे उसके साथ आचार संहिता के नाम पर नगर मजिस्ट्रेट ने जमकर बदसलूकी की और FIR भी कराने की धमकी दी। इस घटना और पति की बेइज्जती के बाद उनकी पत्नी इतनी आहत हुयी कि उनकी सदमे में मौत हो गई।
शनिवार को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया और होर्डिग, बैनर उतरवाने में जुट गया। उसी बीच लखनऊ रोड स्थित बीजेपी के पूर्व ज़िलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा के आवास के बाहर उनके नाम का बोर्ड लगा हुआ था। सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में चल रही नगर पालिका परिषद की टीम ने उनके नाम का बोर्ड उखाड़ लिया।
इसका जानकारी होने पर विद्याराम वर्मा ने अपने नाम का बोर्ड उखाड़ने का कारण पूछा, जिस पर नगर मजिस्ट्रेट को इतना गुस्सा आया कि उन्होने न सिर्फ भाजपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष को भला-बुरा कहा बल्कि उनके खिलाफ FIR भी कराने की धमकी तक दे डाली।
जिसके बाद पति की खुलेआम बेइज्जती के कारण पूर्व ज़िलाध्यक्ष की पत्नी लता वर्मा को सदमा लगा और भाजपा के लिए सारी ज़िंदगी संघर्ष करने वाले अपने पति से हुए गलत व्यव्हार को वह सहन नहीं कर सकीं और सदमे में उनकी रविवार की सुबह को मौत हो गई। वहीं इसका पता होते ही ज़िले भर के भाजपाईयों में शोक छा गया।
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