हरदोई: हत्या के मामले में अपर जिला जज कोर्ट संख्या 3 सपना त्रिपाठी ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा और 55 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना न अदा करने की स्थिति में दोषी को तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। 14 साल पहले हुयी थी हत्या.
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र आवास विकास कालोनी के रहने वाले बृजकिशोर गुप्ता ने 27-01-2010 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका पुत्र आशीष गुप्ता 26 जनवरी की शाम लगभग छह बजे मित्र के पिता के साथ दुर्घटना होने की खबर पर जिला अस्पताल देखने गया था.
लेकिन आशीष वापस नहीं आया। 27 जनवरी की सुबह बेटे की बाइक सांडी रोड पर मिली। बृज किशोर ने बैटगंज के रहने वाले इंद्रेश गुप्ता पर अपहरण का शक जताया था। तहरीर के आधार पर पुलिस ने इंद्रेश के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की थी।
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पुलिस विवेचना के दौरान आशीष का शव योगेंद्र नारायण तिवारी के मकान में मिला था। पुलिस ने इंद्रेश गुप्ता, रवि पाल, हनी उर्फ अंकित जायसवाल, मनीष अग्रिहोत्री, मोनू सक्सेना, योगेंद्र नारायण तिवारी उर्फ राकेश, दीपू गुप्ता, पुनीत गुप्ता और अंकुर तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
वर्ष 2021 में तत्कालीन अपर जिला जज संजीव कुमार सिंह ने हत्या के दोषी पाए गए सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सुनवाई के दौरान ही योगेंद्र नारायण तिवारी की मौत हो गई थी। इस बीच अंकुर तिवारी कहीं गायब हो गया था। इस कारण उसकी फाइल अलग कर दी गई थी।
शुक्रवार को आशीष की हत्या के मामले में अपर जिला जज सपना त्रिपाठी ने अंकुर तिवारी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पुलिस ने सजा सुनाए जाने के बाद अंकुर को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।