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इतिहास बन गया मुगल गार्डन! मुगल गार्डन बन गया अमृत उद्यान, 31 जनवरी से कैसे करेंगे ‘अमृत उद्यान’ की सैर?

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एक सदी पुराना मुगल गार्डन (Mughal Garden) अब अमृत उद्यान (Amrit Udyan) बन गया है. केंद्र सरकार ने अमृत महोत्सव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदल कर अमृत उद्यान कर दिया है.

जैसे ही नाम बदलने की घोषणा हुई दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों ने ‘मुगल गार्डन’ नाम वाला पुराना बोर्ड भी हटा दिया है. वहीँ राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि इस साल 31 जनवरी से 30 मार्च तक अमृत उद्यान खोला जाएगा.

मुगल गार्डन का क्या है इतिहास?

1911 में जब अंग्रेजों ने कोलकाता के स्थान पर दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया था तब रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस वर्तमान में राष्ट्रपति भवन बनाने का फैसला किया गया. इस भवन को बनाने के लिए खासतौर से इंग्लैंड से ब्रिटिश वास्तुकार सर एडिवन लूटियंस को बुलाया गया, जिन्होंने वायसराय हाउस का डिजाइन तैयार किया था. 

1917 से सर एडविन लूटियंस ने वायसराय हाउस बनना प्रारंभ किया. वायसराय हाउस की और सुन्दर बनाने के लिए एक खास बाग बनाया गया, जहां कई तरह के फूल-पौधे और पेड़ों की प्रजातियां लगाई गईं. साल 1928 में मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ, 1928 से 1929 तक पौधारोपण का काम चला. 

मुगलों के नाम पर क्यों रखा गया था नाम?

16वीं शताब्दी में बाबर के हमले के बाद दिल्ली में मुगल साम्राज्य शुरू हुआ था. इसके बाद हुमायूं, अकबर, शाहजहां और औरंगजेब ने दिल्ली पर राज्य किया. इस दौरान मुगलों ने देशभर में बाग-बगीचों का निर्माण करवाया. दिल्ली में एक हजार से ज्यादा बाग बनवाए. यही वजह है कि इसका नाम मुगलों के नाम पर पड़ा. मुगल गार्डन का डिजाइन ताजमहल और जम्मू और कश्मीर के बगीचों से प्रेरित है. मुगल गार्डन को चार भागों में बांटा गया है – चतुर्भुजकार बाग, लंबा बाग, पर्दा बाग और वृत्ताकार बाग.

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जब आम लोगों के लिए खुला मुगल गार्डन

अंग्रेजी हुकूमत में इस गार्डन का नजारा केवल खास लोगों को नसीब होता था. अंग्रेजी शासक अपने मेहमानों को इस गार्डन की सैर पर ले जाते थे लेकिन 26 जनवरी 1950 को वह दिन आया जब भारत में गणतंत्र स्थापित हुआ और डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का राष्ट्रपति बनाया गया . उसके बाद वायसराय हाउस का नाम बदलकर राष्ट्रपति भवन किया गया. आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ही आम लोगों को मुगल गार्डन देखने की ‘आजादी’ दी थी. तब से लेकर आज तक हर साल बसंत ऋतु में इस गार्डन को आम लोगों के लिए खोला जाता है.

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हर साल लाखों लोगों को राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन खुलने का इंतजार होता है. 15 एकड़ में फैले मुगल गार्डन में खुशबूदार रंग-बिरेंगे फूलों के आकर्षण और मुगल गार्डन के सौंदर्य को देखने देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से लोग दिल्ली आते हैं. बता दें कि अमृत उद्यान में 138 तरह के गुलाबों के साथ, 10,000 से ज्यादा ट्यूलिप (कंद-पुष्प) और 70 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 5,000 मौसमी फूल होंगे.

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‘अमृत उद्यान’ की सैर का टाइम

अमृत उद्यान में उन्हीं लोगों की एंट्री होगी, जो लोग ऑनलाइन अग्रिम बुकिंग के जरिए पास लेकर आएंगे. गार्डन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा. अमृत उद्यान को दो टाइमिंग स्लॉट में खोला जाता है. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक 7 हजार 500 लोगों के लिए ही टिकट जारी किए जाएंगे. इसके बाद दोपहर 12 से शाम के चार बजे तक गार्डन में जाने के लिए एक फिर से 10 हजार लोगों को पास जारी किए जाएंगे.

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