हरदोई: विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ गांव की प्रधानी चलाने वाली MBBS की छात्रा वैशाली यादव के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए. इसके साथ ही विकास कार्यों के संचालन के लिए टीम बना दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार अभी आगे की जांच जारी रहेगी और जाँच के बाद ही पद से हटाने की कार्यवाही होगी।
आपको बता दें सांडी विकास खंड के तेरापुरसौली की प्रधान वैशाली यादव, प्रधानी जीतने के बाद यूक्रेन में MBBS करने चली गई थी। वैसे तो उनकी प्रधानी भी वहीं से चलती रही, लेकिन पिछले साल फरवरी में यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध में वैशाली भी वहीं पर फंस गई और वहीं से इंटरनेट पर वीडियो शेयर यूक्रेन से बाहर निकालने के लिए मदद मांगी थी, जिसके बाद से वह और उनकी प्रधानी चर्चा में आ गई थी।
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उसके बाद वैशाली के पिता महेंद्र सिंह यादव ने खंडन भी किया था और बताया था कि वह भारत में ही है. लेकिन उसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ गयी थी, और फिर प्रशासन द्वारा प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन प्रधान वैशाली के द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
प्रधानी में हुए डिजिटल हस्ताक्षर से लाखों का भुगतान
जांच में पता चला कि सितंबर 2021 से उनकी अनुपस्थिति तक लगभग 1725200 का भुगतान डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से कराया गया, इस तरीके का भुगतान अनियमितता में शामिल मना जाता है।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि 23 दिसंबर को प्रधान वैशाली यादव को दुबारा नोटिस जारी की गई और 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया था, लेकिन उनके द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि उन पर लगे आरोप सही हैं।
प्रधान वैशाली के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज
जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम की संबंधित धारा के तहत प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए हैं। वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों के प्रयोग के लिए 03 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जो प्रधान के कार्यों को क्रियान्वित करेगी।
साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खंड बिलग्राम शामिल हैं। इनसे अविलंब रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्यवाही होगी.