कलीनगर/पीलीभीत। तीन महीने से ग्रामीणों के बीच दहशत का पर्याय बनी बाघिन बड़ी मशक्कत के बाद आखिर पकड़ ली गई। वन विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने ट्रैंकुलाइजर के चार शॉट मारने के बाद बाघिन को काबू कर पाया। ट्रैंकुलाइजर के बाद बेहोश होने पर उसे ग्रामीणों की भीड़ के बीच पिंजरे तक लाने में भी वन कर्मियों को खासी सतर्कता बरतनी पड़ी। माला गेस्ट हाउस उसे ले जाया गया है।
पिछले तीन महीने से माधोटांडा क्षेत्र के रानीगंज, मथना जपती, जमुनिया और बासखेड़ा इलाके में बाघिन की चहलकदमी देखी जा रही थी। डेढ़ महीने में बाघिन ने हमलाकर तीन किसानों की जान भी ले ली। इस कारण से ग्रामीण काफी दहशत में थे। कुछ दिन पहले बासखेड़ा गांव में बाघ को पकड़ने के लिए दो बार आपरेशन चलाया गया लेकिन उसे पकड़ नहीं सके.
मंगलवार की सुबह जमुनिया गांव रहने वाले रामपाल के गन्ने के खेत में बाघिन दिखाई दी। पुष्टि के बाद दोपहर करीब 2 बजे डीएफओ संजीव कुमार ने घेराबंदी कराई। लगभग 3:30 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। उसे देखते ही तीन शॉट मारने के बाद वह बेहोश हुई।
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बाघिन को आया होश
बाघिन को स्ट्रेचर पर लादकर पिंजरे की ओर लाने के दौरान बेकाबू हुई भीड़ के चलते स्ट्रेचर से वह नीचे गिर गई। इसी दौरान उसे होश आ गया जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। जिसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. उसके बाद काबू कर बाघ के चारों ओर जाल लगाया। इसके करीब 10 मिनट बाद टीम ने मशक्कत कर उसे को पिंजरे के अंदर डाला गया।
सामाजिक वानिकी और टाइगर रिजर्व की संयुक्त टीम को बाघ पकड़ने में सफलता मिल गयी है। तीन महीने से इसी बाघिन की जंगल से बाहर चहलकदमी देखी जा रही थी।
– संजीव कुमार, डीएफओ सामाजिक वानिकी